हाफिज सईद का डिप्टी नहीं रहा, UN ने भी मान लिया; 26/11 के हमलावरों को दी थी ट्रेनिंग…

भारत का एक और दुश्मन नहीं रहा। मुंबई हमले (26/11) के दौरान आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सदस्य हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मृत्यु की पुष्टि कर…

हाफिज सईद का डिप्टी नहीं रहा, UN ने भी मान लिया; 26/11 के हमलावरों को दी थी ट्रेनिंग…

भारत का एक और दुश्मन नहीं रहा। मुंबई हमले (26/11) के दौरान आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सदस्य हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मृत्यु की पुष्टि कर दी गई है।

यूनाइटेड नेशन ने भुट्टावी की मौत को कन्फर्म किया। भुट्टावी हाफिज सईद का करीबी और उसका डिप्टी भी था।

आतंकी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मृत्यु 29 मई, 2023 को ही हो गई थी, लेकिन यूनाइटेड नेशन ने अब अपनी वेबसाइट पर आधिकारिक रूप से इसको कन्फर्म किया है।

उसमें बताया गया है कि पंजाब प्रांत में पाकिस्तान सरकार की कस्टडी में रहने के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

पाकिस्तान के मुरीदके में लश्कर मुख्यालय की स्थापना करने वाला भुट्टावी प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का डिप्टी था। जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख आतंकी संगठन है।

भुट्टावी की मौत के बाद जमात से जुड़े एक शख्स ने बताया था कि 77 वर्षीय भुट्टावी को आतंकी वित्तपोषण मामले में अक्टूबर 2019 से लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर जिला जेल शेखूपुरा में कैद किया गया था।

29 मई को, उसके सीने में तेज दर्द महसूस हुआ और फिर अस्पताल ले जाया गया। यहां पहुंचने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।

जब हाफिज सईद को हिरासत में लिया गया था, तब भुट्टावी ने कम-से-कम दो मौकों पर लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा (एलईटी/जेयूडी) के प्रमुख के रूप में काम किया था।

नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के कुछ दिनों बाद सईद को हिरासत में ले लिया गया था और जून 2009 तक हिरासत में रखा गया। भुट्टावी ने इस अवधि के दौरान आतंकी संगठन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को संभाला, और संगठन की ओर से फैसले लिए थे। 

यूनाइटेड नेशन ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि भुट्टावी ने अभियानों की खूबियों पर व्याख्यान देकर नवंबर 2008 में भारत के मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के लिए गुर्गों को तैयार करने में मदद की थी।

मुंबई हमलों में 150 से अधिक लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। भुट्टावी को लश्कर/जेयूडी के मदरसा नेटवर्क के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

वहीं, साल 2002 के मध्य में, भुट्टावी पाकिस्तान के लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का संगठन स्थापित करने का भी प्रभारी था।

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