छत्तीसगढ़-बालोद की उप जेल में कैदी की मौत, न्यायिक जांच की मांग का एसपी-कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बालोद. बालोद जिले के सुरेगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत फरदफोड निवासी लोकेश कुमार सिन्हा के जेल में हुई मौत मामले को लेकर सिन्हा समाज ने विधायक संगीता सिन्हा के नेतृत्व में…

छत्तीसगढ़-बालोद की उप जेल में कैदी की मौत, न्यायिक जांच की मांग का एसपी-कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बालोद.

बालोद जिले के सुरेगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत फरदफोड निवासी लोकेश कुमार सिन्हा के जेल में हुई मौत मामले को लेकर सिन्हा समाज ने विधायक संगीता सिन्हा के नेतृत्व में एसपी और कलेक्टर से जांच और दोषियों के ऊपर कार्रवाई की मांग लेकर ज्ञापन सौंपा। विधायक संगीता सिन्हा ने इस दौरान कहा कि यदि हमें उचित न्याय नहीं मिलता है तो हम राज्यपाल से मामले की शिकायत करेंगे विधायक संगीता सिन्हा ने बताया कि समाज का एक व्यक्ति जो शराब बेचते हुए पकड़ा था, उसे आबकारी विभाग पीटते हुए ले गई थी।

दूसरे दिन अचानक उसके मौत की खबर सामने आती है और उसके शरीर पर मारपीट के निशान भी सामने आए हैं परिजन उनसे मिलना चाहते थे तो उन्हें भी मिलने नहीं दिया गया था। आपको बता दें कि सिन्हा समाज के युवक की जेल में हुए मृत्यु के इस मामले में सिन्हा समाज के जिला पदाधिकारी एवं सभी मंडलेश्वर विधायक संगीता सिंह के नेतृत्व में पहुंचे हुए थे लोकेश कुमार सिंह एक विचाराधीन कैदी था समाज के साथ-साथ उसकी मां पत्नी और बच्चे भी पहुंचे हुए थे।

न्यायिक जांच की मांग
सिन्हा समाज के जिलाध्यक्ष चमन लाल सिन्हा ने बताया कि ग्राम फरदफोड तहसील देवरी बंगला जिला-बालोद निवासी लुकेश कुमार सिन्हा पिता भारत राम सिन्हा उम्र 34 वर्ष की आबकारी पुलिस विभाग एवं जेल प्रशसन के द्वारा मारपीट करने के कारण जिला जेल बालोद में मृत्यु हो जाने की न्यायिक जांच की मांग लेकर आज पूरा समाज पहुंचा हुआ है दोशी कार्मियों पर अविलंब कार्यवाही, परिवार वालो को आर्थिक सहायता राशि 20 लाख एवं परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी प्रदान करनें मांग हम कर रहे हैं।

उच्च स्तरीय लड़ेंगे लड़ाई
विधायक संगीता सिन्हा ने बताया आबकारी पुलिस विभाग एवं जेल प्रशासन के द्वारा भारपीट करने के कारण जिला जेल बालोद में मृत्यु हो जानें का घोर निन्दा करता है, साथ ही छ.ग शासन से उक्त घटना की उच्चस्तरीय, न्यायिक जांच, जेल प्रशसन एवं आबकारी पुलिस विभाग के दोशी कार्मियों पर अविलंब कार्यवाही करतें हुए परिवार वालों को आर्थिक सहयता राशि बीस लाख रूपयें एवं परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दिलायी जावें यदि मामले का निराकरण नहीं होता तो हम शासन स्तर पर इसके न्याय के लिए लड़ाई लड़ेंगे।