हमास के खिलाफ जंग में नेतन्याहू पर ‘दोस्त’ अमेरिका का बड़ा ऐक्शन, इजरायली सेना IDF पर लगाया बैन…

हमास के साथ आर-पार की लड़ाई में बिजी इजरायली सेना को झटका तब लगा जब अमेरिका ने उसकी एक यूनिट पर प्रतिबंधों की घोषणा की। अमेरिका का यह कदम नेतन्याहू…

हमास के साथ आर-पार की लड़ाई में बिजी इजरायली सेना को झटका तब लगा जब अमेरिका ने उसकी एक यूनिट पर प्रतिबंधों की घोषणा की।

अमेरिका का यह कदम नेतन्याहू की हमास के खिलाफ जंग में जीत की उम्मीदों को तगड़ा झटका है। अमेरिका हमास के खिलाफ जंग में इजरायल का समर्थन करता रहा है।

इसके अलावा ईरान के खिलाफ हालिया शुरू हुए युद्ध में भी अमेरिका ने इजरायल से दोस्ती बरकरार रखी है। बताया जा रहा है कि वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के कत्लेआम के खिलाफ यह ऐक्शन लिया गया है।

अमेरिका का अपने बचाव में कहना है कि वह हमास के खिलाफ जंग में आईडीएफ को लगातार आगाह करता रहा है कि उसके ऑपरेशनों में निर्दोषों की जान न जाए। उधर, अमेरिकी ऐक्शन से इजरायली पीएम नेतन्याहू भड़के हुए हैं।

टाइम्स ऑफ इजरायल में छपि खबर के मुताबिक, एक्सियोस समाचार साइट ने शनिवार को बताया कि बाइडेन प्रशासन ने वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के खिलाफ कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए आईडीएफ की नेत्ज़ाह येहुदा बटालियन के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की है। यह पहली बार होगा जब अमेरिका ने इजरायल के खिलाफ ऐसा कोई कदम उठाया है।

आईडीएफ की बदनाम यूनिट- नेत्जाह येदुहा बटालियन
इजरायल की नेत्जाह येदुहा बटालियन अपने पुराने ऑपरेशनों को लेकर बहुत बदनाम रही है। बटालियन पर अतीत में दक्षिणपंथी उग्रवाद और फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा से जुड़े कई विवाद हैं।

इसमें विशेष रूप से 2022 में 78 वर्षीय फिलिस्तीनी-अमेरिकी उमर असद की मौत भी शामिल है, जिनकी हिरासत में मौत हो गई थी।

बटालियन के सैनिकों पर आरोप है कि उमर असद को प्रताड़ित किया गया। हाथ में हथकड़ी और आंखों में पट्टी बांधी गई और लगभग जमा देने वाली स्थिति में रखकर घंटों कैद किया गया। जिससे उसकी मौत हो गई थी।

अमेरिकी ऐक्शन पर भड़का इजरायल
इज़रायल ने दिसंबर 2022 में यूनिट को वेस्ट बैंक से बाहर स्थानांतरित कर दिया था, जहां यूनिट पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ जुल्म की कई रिपोर्ट सामने आई हैं।

उधऱ, अमेरिकी ऐक्शन पर प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित इजरायली अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम ऐसे वक्त में लिया गया है, जब हमारे सैनिक आतंकवादी राक्षसों के खिलाफ लड़ रहे हैं। आईडीएफ में एक इकाई के खिलाफ प्रतिबंध जारी करने का इरादा बेतुकेपन और नैतिक पतन की पराकाष्ठा है।

कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ का कहना है कि येहुदा “आईडीएफ का एक अभिन्न अंग” है। हमारी सेना की यह यूनिट अंतरराष्ट्रीय कानून के हिसाब से ऐक्शन लेती रही है।

उन्होंने कहा कि इजरायल के पास कथित उल्लंघनों से निपटने में सक्षम “मजबूत और स्वतंत्र” अदालतें हैं। गैंट्ज़ ने कहा, “हम अपने अमेरिकी दोस्तों का बहुत सम्मान करते हैं, लेकिन यूनिट पर प्रतिबंध लगाना एक गलत मिसाल है और युद्ध के समय हमारे साझा दुश्मनों को गलत संदेश भेजता है।” 

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