नए साल का जश्न भी नहीं मना पाएंगे पाकिस्तानी, सरकार ने लगा दी रोक; जानें क्या है वजह…

पाकिस्तान में नए साल 2024 के आगाज का जश्न मनाने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तानी कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने गुरुवार को खुद इसकी घोषणा की। उन्होंने…

नए साल का जश्न भी नहीं मना पाएंगे पाकिस्तानी, सरकार ने लगा दी रोक; जानें क्या है वजह…

पाकिस्तान में नए साल 2024 के आगाज का जश्न मनाने पर रोक लगा दी गई है।

पाकिस्तानी कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने गुरुवार को खुद इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त गाजा के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यह फैसला लिया गया है।

राष्ट्र के नाम संबोधन में काकर ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और नए साल पर संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘फिलिस्तीन की स्थिति चिंताजनक है। इसे ध्यान में रखते हुए और हमारे फिलिस्तीनी भाइयों-बहनों के प्रति लगाव दिखाने के लिए सरकार ने नए साल के किसी भी आयोजन पर रोक लगाएगी।’

गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध में अब तक 20 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

गाजा के 23 लाख लोगों में से करीब 85 फीसदी अपना घर छोड़कर जा चुके हैं।

इजराइल की ओर से जिस तरह हमले तेज हो रहे हैं उसे देखते हुए और गाजावासियों के विस्थापित होने की उम्मीद है। पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम काकर ने दावा किया कि 7 अक्टूबर को इजरायली बमबारी शुरू होने के बाद से 9,000 बच्चों की मौत हुई है।

इस तरह इजरायल के सैनिकों ने हिंसा और अन्याय की सभी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरा पाकिस्तान और मुस्लिम दुनिया निर्दोषों के नरसंहार पर बेहद गुस्से में है।

गाजा और वेस्ट बैंक में बच्चों व निहत्थे फिलिस्तीनियों का नरसंहार हुआ है।’

फिलिस्तीनियों की दुर्दशा के बारे में बढ़ाएंगे जागरूकता: काकर
पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम काकर ने कहा कि हमारे देश ने फिलिस्तीन के लिए 2 सहायता पैकेज भेजे हैं और तीसरा पैकेज भेजने की तैयारी में है।

काकर ने वैश्विक मंचों पर फिलिस्तीनियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि इजराइल की ओर से गाजा में रक्तपात किया जा रहा है जिसे रोकने के लिए हमारे प्रयास जारी रहेंगे। इसे लेकर पाकिस्तान पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मालूम हो कि पाकिस्तान में नया साल इस्लामी गुटों के चलते बहुत बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट नहीं किया जाता है। ये लोग बल प्रयोग सहित विभिन्न तरीकों से जश्न को रोकने की कोशिश करते रहे हैं।