क्या कर रहे हैं ईरान के कब्जे में 17 भारतीय? जयशंकर के फोन कॉल से बन गई बात…

13 अप्रैल को ओमान की खाड़ी में होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ईरान की सेना ने एक जहाज जब्त किया था। इजरायल से संबंध रखने वाले इस मालवाहक जहाज ‘एमएससी एरीज’…

13 अप्रैल को ओमान की खाड़ी में होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ईरान की सेना ने एक जहाज जब्त किया था।

इजरायल से संबंध रखने वाले इस मालवाहक जहाज ‘एमएससी एरीज’ पर 17 भारतीय नाविक भी सवार थे जो अभी ईरान के कब्जे में हैं।

ईरान में भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद सेना ने इन नाविकों में से एक को अपने भाई से बात करने की अनुमति दी है।

नाविकों में से एक के भाई माइकल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “कथित तौर पर भारतीय अधिकारियों ने जहाज की सुरक्षा कर रहे ईरानी अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद मेरे भाई ने कल (सोमवार) शाम लगभग 30 मिनट तक बात की। हमें ऐसा लगता है कि (भारतीय अधिकारियों) ने क्रू को हर दिन एक घंटे के लिए फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। भारतीय नाविक हिरासत में हैं और उन्हें अभी किसी भी कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गई है।”

माइकल के मुताबिक, उनके भाई ने फोन पर बताया कि ईरानी अधिकारियों ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। माइकल ने कहा, “उनके पास पर्याप्त सप्लाई और भोजन का पर्याप्त भंडार है।

जहाज बंदर अब्बास (Bandar Abbas) बंदरगाह के तट पर लंगर डाले हुए है। भाई ने कहा कि वे हमेशा की तरह बोर्ड पर ऑपरेशन ड्यूटी को फॉलो कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उस क्षेत्र में तनाव बढ़ता दिख रहा है।

हमें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी उनके बचाव और भारत वापसी के लिए तत्काल कदम उठाएंगे। हम (भारतीय अधिकारियों से) प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।”

नाविकों में से एक के भाई माइकल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “कथित तौर पर भारतीय अधिकारियों ने जहाज की सुरक्षा कर रहे ईरानी अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद मेरे भाई ने कल (सोमवार) शाम लगभग 30 मिनट तक बात की। हमें ऐसा लगता है कि (भारतीय अधिकारियों) ने क्रू को हर दिन एक घंटे के लिए फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। भारतीय नाविक हिरासत में हैं और उन्हें अभी किसी भी कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गई है।”

माइकल के मुताबिक, उनके भाई ने फोन पर बताया कि ईरानी अधिकारियों ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। माइकल ने कहा, “उनके पास पर्याप्त सप्लाई और भोजन का पर्याप्त भंडार है। जहाज बंदर अब्बास (Bandar Abbas) बंदरगाह के तट पर लंगर डाले हुए है। भाई ने कहा कि वे हमेशा की तरह बोर्ड पर ऑपरेशन ड्यूटी को फॉलो कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उस क्षेत्र में तनाव बढ़ता दिख रहा है। हमें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी उनके बचाव और भारत वापसी के लिए तत्काल कदम उठाएंगे। हम (भारतीय अधिकारियों से) प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।”

इजरायली बिजनैसमैन के स्वामित्व वाला और पुर्तगाली झंडे वाले जहाज पर चालक दल के 25 सदस्य सवार थे। इसे कथित तौर पर एक स्विस कंपनी द्वारा संचालन के लिए लीज पर दिया गया था।

17 भारतीयों में चार तमिलनाडु से हैं। पुनर्वास और अनिवासी तमिल आयुक्तालय के एक अधिकारी ने कहा कि जहाज पर दो तमिल थूथुकुडी से, एक कुड्डालोर से और एक मन्नारगुडी से है।

तमिलनाडु सरकार ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर जहाज पर सवार चालक दल के सदस्यों के लिए जानकारी और मदद मांगी है। जहाज पर कब्जा इजरायल और ईरान के बीच तनाव के बीच हुआ है।