रूस-यूक्रेन युद्ध में मारा गया हैदराबाद का युवक, एजेंट ने धोखे से पुतिन की सेना में करवाया था भर्ती…

रूस और यूक्रेन में चल रही जंग में हैदराबाद के एक युवक की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को मामले में जानकारी दी कि 30 वर्षीय युवक जिसे…

रूस-यूक्रेन युद्ध में मारा गया हैदराबाद का युवक, एजेंट ने धोखे से पुतिन की सेना में करवाया था भर्ती…

रूस और यूक्रेन में चल रही जंग में हैदराबाद के एक युवक की मौत हो गई है।

अधिकारियों ने बुधवार को मामले में जानकारी दी कि 30 वर्षीय युवक जिसे कथित तौर पर नौकरी के नाम पर एक एजेंट ने धोखे से रूसी सेना में भर्ती करवा दिया था।

उसकी यूक्रेन में चल रहे युद्ध में लड़ते हुए मौत हो गई। हैदराबाद में लड़के का परिवार रहता है। वह अपने पीछे दो मासूम बच्चों और पत्नी को अकेला छोड़ गया।

इस युवक के अलावा हाल ही में जानकारी भी सामने आई थी कि पंजाब के होशियारपुर के सात लड़के यूक्रेन में रूस की तरफ से जंग में फंसे हुए हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई थी।

जानकारी के अनुसार, रूस और यूक्रेन युद्ध में मरने वाले युवक की पहचान मोहम्मद असफान के रूप में हुई है। यह 30 वर्षीय युवा हैदराबाद का रहने वाला है जो नौकरी की तलाश में रूस गया था लेकिन, एजेंट ने उसे धोखे से रूसी सेना में सहायक के तौर पर भर्ती कर दिया।

उसके परिवार ने उसे रूस से वापस लाने में सहायता के लिए एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया था।

हालांकि, जब AIMIM ने मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो अधिकारियों ने पुष्टि की कि असफान की मौत हो गई है।

एजेंट ने पैसे ऐंठे और रूसी सेना में भर्ती करवा दिया
ऐसी जानकारी सामने आई है कि कई अन्य लोगों के साथ, असफान को कथित तौर पर भ्रामक एजेंटों द्वारा गुमराह किया गया।

वह रूस में मामूली नौकरी के चलते रूस पहुंचा था लेकिन, उसे रूसी सेना में भर्ती करवा दिया और फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर लड़ने के लिए यूक्रेन भेज दिया।  

गौरतलब है कि अफसान की मौत गुजरात के एक 23 वर्षीय भारतीय युवक की रूस में मौत के कुछ हफ्तों बाद हुई है।

वह भी यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के दौरान रूसी सेना की तरफ से जबरन लड़ने के लिए भर्ती करवाया गया था। सूरत के शख्स ने  एक ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से रूस में नौकरी के लिए आवेदन किया था और चेन्नई से मास्को पहुंचा था। लेकिन फर्जी एजेंटों के चक्कर में उसे रूसी सेना में सहायक के रूप में भर्ती करवा दिया गया।