मनमानी की और अपने नाम पर चलाया कैंपेन, CWC में निशाने पर रहे कमलनाथ और भूपेश बघेल; लंबी चली बहस…

मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत तीन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हार पर गुरुवार को मंथन हुआ। कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में सबसे ज्यादा निशाने पर कमलनाथ रहे, जिनके भरोसे…

मनमानी की और अपने नाम पर चलाया कैंपेन, CWC में निशाने पर रहे कमलनाथ और भूपेश बघेल; लंबी चली बहस…

मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत तीन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हार पर गुरुवार को मंथन हुआ।

कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में सबसे ज्यादा निशाने पर कमलनाथ रहे, जिनके भरोसे पार्टी को मध्य प्रदेश की सत्ता मिलने की उम्मीद थी।

जहां बीते 20 सालों से भाजपा सत्ता पर काबिज है। फिर भी कांग्रेस की यहां करारी हार हुई और इसका असर मीटिंग पर भी दिखा।

एक तरफ कई नेताओं ने कमलनाथ पर निशाना साधा तो कुछ नेताओं ने राहुल गांधी से अपील की कि वे भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करें।

कई नेताओं ने मांग की कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर समय रहते ही फैसला लिया जाए। 

इस मीटिंग में राहुल गांधी ने यह माना कि पार्टी ने तीन राज्यों में अच्छे से कैंपेन नहीं किया, जबकि तेलंगाना में अच्छी मेहनत हुई थी। मीटिंग में कई नेताओं ने कमलनाथ और कुछ ने तो दिग्विजय सिंह की भी खामियां गिनाईं।

इन दोनों नेताओं को ही मध्य प्रदेश में कमान दी गई थी और यहां पर राहुल गांधी ने भी कम ही समय दिया था। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी निशाने पर रहे, जहां कांग्रेस अपनी जीत मान कर चल रही थी।

इस दौरान यह चर्चा भी हुई कि कमलनाथ और भूपेश बघेल दूसरे नेताओं की नहीं सुन रहे थे। यहां तक कि कमलनाथ ने तो केंद्रीय नेतृत्व को भी नजरअंदाज किया था। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस दौरान कमलनाथ की रणनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई बार कमलनाथ मीटिंग ही छोड़ कर चल दिए, जब वह सलाह से असहमत नजर आए। मुकुल वासनिक तो नारे पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि चुनाव में एक नारा ‘जय-जय कमलनाथ’ भी था। यह ऐसा ही था कि जैसे चुनाव कमलनाथ के नाम पर ही लड़ा जा रहा हो और उसमें पार्टी का कोई मतलब ही न हो।

इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि कांग्रेस का तीनों राज्यों में वोट प्रतिशत लगभग पहले जैसा ही रहा। लेकिन भाजपा ने बहुजन समाज पार्टी और कुछ आदिवासी दलों के हिस्से का वोट झटककर अपनी ताकत बढ़ा ली। 

दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व पर ही फोड़ दिया ठीकरा

इस दौरान दिग्विजय सिंह अलग ही तेवर में दिखे और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व पर भी ठीकरा फोड़ा। उ न्होंने रहा कि कांग्रेस कमेटी लगातार अपने महासचिवों को बदलती रहती है।

मीटिंग में सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा का बूथ लेवल मैनेजमेंट बहुत मजबूत था। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि इन राज्यों में कांग्रेस पहले भाजपा को हरा चुकी है।

इसलिए हमारी कहीं खामी जरूर रही है, जनता का हमारे प्रति समर्थन बना हुआ है। इस बीच शशि थरूर ने आगे की प्लानिंग पर जोर देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए हमें अब उम्मीदवार तय करना शुरू कर देना चाहिए। 

थरूर और प्रियंका बोले, बीती बातें छोड़े- अब लोकसभा पर फोकस करो

थरूर ने कहा कि यदि हम अभी से उम्मीदवार तय कर दें तो उनके पास जमीन पर काम करने का वक्त रहेगा। प्रियंका गांधी और मनीष तिवारी ने भी ऐसी ही बात की।

दोनों नेताओं ने कहा कि हमें अब लोकसभा के लिए जुटना चाहिए और अभी से उम्मीदवार तय करके प्रचार करना चाहिए।

इसके अलावा INDIA अलायंस के साथ सीटों के समझौते पर भी तत्काल बातचीत शुरू करने पर भी सहमति बनी ताकि उसके हिसाब से रणनीति तैयार की जा सके। कांग्रेस की ओर से जल्दी ही मेनिफेस्टो भी तैयार करना शुरू हो जाएगा।