हमारे पड़ोसी चांद पर पहुंच गए, हम जमीन से नहीं उठ रहे; फिर गुस्से में दिखे नवाज शरीफ…

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर से पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा। नवाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के आसपास के पड़ोसी देश चांद…

हमारे पड़ोसी चांद पर पहुंच गए, हम जमीन से नहीं उठ रहे; फिर गुस्से में दिखे नवाज शरीफ…

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर से पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा।

नवाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के आसपास के पड़ोसी देश चांद पर पहुंच गए हैं, लेकिन उनका देश पाकिस्तान जमीन से ऊपर नहीं उठ पा रहा है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने कहा, “हमारे आसपास के देश चांद पर पहुंच गए हैं, लेकिन हम धरती से नहीं उठ रहे हैं।” उनका इशारा भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर था। भारत का चंद्रयान-3 मिशन 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ था। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का सबसे पहला और इकलौता देश है।

इससे पहले मंगलवार को, शरीफ ने कहा था कि न तो भारत और न ही अमेरिका पाकिस्तान की बर्बादी का जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “हमने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारी है।”

उनका निशाना पाकिस्तान के ताकतवर सैन्य अधिकारियों पर था। नवाज शरीफ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के टिकट के दावेदारों के साथ बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं।

शरीफ रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें 1993, 1999 और 2017 में तीन बार सत्ता से बेदखल किया गया था।

शरीफ ने कहा, ‘‘आज पाकिस्तान (अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिहाज से) जिस स्थिति में है, उसके लिए भारत, अमेरिका या अफगानिस्तान जिम्मेदार नहीं है। असलियत में तो हमने अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मारी है… उन्होंने (सेना ने) 2018 के चुनावों में धांधली करके इस देश पर एक चयनित (सरकार) थोप दी, जिसके कारण आम जनता परेशान हुई और अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब हो गई।’’

उन्होंने सैन्य तानाशाहों को वैध ठहराने के लिए न्यायाधीशों की आलोचना की और कहा, ‘‘जब वे संविधान तोड़ते हैं तो न्यायाधीश उन्हें (सैन्य तानाशाहों को) माला पहनाते हैं और उनके शासन को वैध ठहराते हैं। जब बात प्रधानमंत्री की आती है तो न्यायाधीश उसे पद से हटाने पर मुहर लगा देते हैं। न्यायाधीश संसद को भंग करने के कृत्य को भी मंजूरी देते हैं…क्यों?’’