छत्तीसगढ़-कोरबा में एनटीपीसी ने खुद तोड़ा राखड़ बांध, खेतों में राखयुक्त पानी घुसने से बांध फूटने का था डर

कोरबा. पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जिले के तरबदर कर दिया है। कई बस्तियों में पानी घुस गया है। वहीं कई नाली और नाले उफान पर…

छत्तीसगढ़-कोरबा में एनटीपीसी ने खुद तोड़ा राखड़ बांध, खेतों में राखयुक्त पानी घुसने से बांध फूटने का था डर

कोरबा.

पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जिले के तरबदर कर दिया है। कई बस्तियों में पानी घुस गया है। वहीं कई नाली और नाले उफान पर हैं। लगातार बारिश का खामियाजा एनटीपीसी प्रबंधन को भी झेलना पड़ा। जहां लगातार हो रही बारिश के कारण एनटीपीसी स्थित धनरास राखड़ डेम को प्रबंधन को खुद तोड़ना पड़ा।

जिसके चलते प्रबंधन को परेशानी तो उठानी पड़ी। इसके अलावा आसपास रह वासियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राखड़ डेम तोड़े जाने के बाद आसपास में कई खेतों में रखायुक्त पानी घुस गया है। जिसके चलते ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। बताया जा रहा है कि पिछले चार दिनों से हो रही रुक-रुककर बारिश के कारण राखड़ डेम भर गया था। अगर डेम को नहीं तोड़ा जाता तो डेम टूट भी सकता था। जिसके बाद एनटीपीसी प्रबंधन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता था। इसलिए उसे मजबूरन तोड़ना पड़ा। देर रात घटी इस घटना के बाद इलाके में हड़कप मच गया। ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी हुई तब वह मौके पर पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली।

एनटीपीसी का बयान आया सामने
बताया जा रहा है कि डेम के आसपास के 40 एकड़ खेत में  राखड़ बह गया है और किसान परेशान है। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि एनटीपीसी कोरबा का धनरास राखड़ तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। तटबंध उचित रखरखाव के साथ कार्यशील है। धनरास राखड़ तटबंध की ऊंचाई बढ़ाने हेतु अनुमति छत्तीसगढ़ पर्यावरण प्रबंधन मण्डल के द्वारा पहले ही ली जा चुकी है। सभी कार्य उस अनुमति एवं मानकों के आधार पर ही किए जाते रहे हैं। राखड़ बांध की पेट्रोलिंग का कार्य अनवरत रूप से किया जा रहा है। भारी वर्षा के बावजूद तत्काल उचित कार्रवाई करके क्षति पर रोका गया। अत्यधिक वर्षा से उत्पन आपातकाल की स्थिति में बांध को क्षति से बचाने के लिए पानी को बाहर निकालना पड़ा। जिसका कुछ हिस्सा नीचे मौजूद ग्रामीणों के खेतों में बह गया।

एनटीपीसी के अधिकारी प्रतिदिन रखड़ तटबंध में मौजूद रहते हैं। उपरोकत वर्णित घटना के समय भी राखड़ बांध में एनटीपीसी के सभी 6 अधिकारी उपलब्ध एवं कार्यरत थे। एनटीपीसी प्रबंधन बांध के चारों तरफ रहने वाले परियोजना प्रभावित परिवारों के सभी हितों की रक्षा के लिए सतत प्रतिबद्ध है।