ध्यान से देखोगे तो हिटलर से मेल खाते हैं; अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पर कांग्रेस नेता का हमला…

पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है। इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने AAP नेताओं पर तीखा…

ध्यान से देखोगे तो हिटलर से मेल खाते हैं; अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पर कांग्रेस नेता का हमला…

पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है।

इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने AAP नेताओं पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान की तुलना जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर से कर दी है।

उन्होंने कहा कि AAP नेताओं को अपने दफ्तरों से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा देनी चाहिए। उनके स्थान पर जर्मनी के तानाशाह हिटलर की फोटो लगा लेना चाहिए।

यही नहीं उन्होंने कहा कि आप ध्यान से देंगे तो हिटलर की तस्वीर ‘आप’ के नेताओं से मेल खाती है।

प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘पहली चीज मैं उन लोगों को सलाह दूंगा कि वे बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाकर हिटलर की लगा लें।’

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार भी हिटलर जैसे ही फैसले लेती है। बाजवा की टिप्पणी उस समय आई है, जब दोनों दलों ने चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में एकता दिखाई है।

जहां गुरुवार को इलेक्शन होने वाला है। यही नहीं दिल्ली, पंजाब जैसे राज्यों में लोकसभा चुनाव में भी दोनों साथ आने की कोशिश में हैं। हालांकि अब तक दोनों के बीच अंतिम सहमति नहीं बन सकी है।  

चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में आप ने अपना उम्मीदवार उतारा है, जिसे कांग्रेस समर्थन देगी। वहीं कांग्रेस सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर कैंडिडेट उतार रही है। इन दोनों को AAP की ओर से समर्थन रहेगा।

कांग्रेस नेता पवन बंसल ने कहा, ‘चंडीगढ़ में AAP और कांग्रेस साथ आए हैं। हमारा लक्ष्य है कि भाजपा को जीतने नहीं देना है। हम INDIA गठबंधन की भावना के तहत साथ आए हैं।’

हालांकि चंडीगढ़ की एकता पंजाब में असर नहीं दिखा रही है। यहां दोनों ही तरफ से नेता एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं।

इस बीच सूत्रों का कहना है कि शायद पंजाब में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि दोनों ही दल खुद को मजबूत मान रहे हैं और जिस भाजपा के खिलाफ एकता की बात हो रही है, वह पंजाब में कमजोर है।

ऐसे में पहले और दूसरे नंबर की पार्टी के गठजोड़ का कोई तुक नहीं बनता। माना जा रहा है कि दोनों दल अपनी ताकत दिखाएंगे। इसे लेकर सहमति बनती दिख रही है कि कोई भी यहां जीते अंत में INDIA अलायंस की सीटों में ही इजाफा होगा।