मप्र में जुलाई के बाद होंगे थोकबंद ट्रांसफर

बजट सत्र के बाद तबादलों से हटेगी रोक भोपाल । मप्र में 1 जुलाई से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के समाप्त होने के बाद राज्य सरकार इस साल…

मप्र में जुलाई के बाद होंगे थोकबंद ट्रांसफर

बजट सत्र के बाद तबादलों से हटेगी रोक

भोपाल । मप्र में 1 जुलाई से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के समाप्त होने के बाद राज्य सरकार इस साल तबादलों पर लगी रोक हटा सकती है। रोक हटने के बाद मध्य प्रदेश के सभी सरकारी मकहमों में थोकबंद तबादले किए जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के कारण मई-जून में तबादलों से प्रतिबंध नहीं हटाया जा सका था। अब एक से 19 जुलाई तक विधानसभा का बजट सत्र हो रहा है। सत्र के सवालों के जवाब देने के लिए जिलों से भी जानकारी बुलाई जाती है। इसलिए सत्र चलने तक तबादलों से रोक नहीं हटेगी। लेकिन विधानसभा सत्र संपन्न होने के बाद राज्य सरकार इस बार 15 दिन के लिए तबादलों से रोक हटा सकती है। क्योंकि शैक्षणिक सत्र 20 जुलाई से शुरू हो जाएगा, इसलिए इस बार भी जरूरी तबादले ही किए जाएंगे। वरना स्कूलों में प्रवेश दिल चुके कर्मियों को नई जगह पर स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया से जूझना होगा। राज्य सरकार तबादलों से प्रतिबंध हटाने से पहले मंत्रियों को जिलों के प्रभार भी देने की तैयारी में है। जिले के भीतर ताबड़ लोग के पावर प्रभारी मंत्रियों को दिए जाएंगे। वहीं राज्य स्तर पर एक जिले से दूसरे जिले में तबादले विभाग की मंत्री के अनुमोदन से ही हो सकेंगे। इस बार भी अधिकतम 20 प्रतिशत तबादले ही किए जाएंगे। विभागीय मंत्री इस पर निर्णय ले सकेंगे।
जनप्रतिनिधि और कर्मचारी तबादलों से रोक हटाने की मांग कर रहे हैं। किसी को अपने बीमार माता-पिता के पास जाना है तो किसी को अपनी बीमारी के इलाज के लिए बड़े अस्पताल की सुविधा वाले जिले में जाना है। कोई अपने परिवार के साथ रहना चाहता है। यह सभी आपसी सहमति से तबादले ले करवा सकेंगे। मुख्यमंत्री समन्वय के बाद हटाए गए कर्मचारियों को फिर से तबादले करवाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति लेना होगा। जिलों में कलेक्टर पुलिस अधीक्षक और संभाग में कमिश्नर और आईजी स्थल के अवसर भी बदले जाएंगे। जिला पंचायत के सीईओ जिलों के एडीएम, एसडीम, तहसीलदार राजस्व निरीक्षक भी बदले जाएंगे। शिक्षा विभाग के तबादलों के लिए अलग पॉलिसी आ सकती है।