छत्तीसगढ़-बलरामपुर रामानुजगंज में मानसिक विक्षिप्त को दिया नया जीवन, मानवता की सामने आई तस्वीर

बलरामपुर रामानुजगंज. बलरामपुर रामानुजगंज ग्राम नावाडीह में विगत 6 माह से मानसिक विक्षिप्त वृद्ध रह रहा था जिसका नौतपा के दौरान तबीयत बिगड़ गई। वह यात्री प्रतीक्षालय में ही जीवन…

छत्तीसगढ़-बलरामपुर रामानुजगंज में मानसिक विक्षिप्त को दिया नया जीवन, मानवता की सामने आई तस्वीर

बलरामपुर रामानुजगंज.

बलरामपुर रामानुजगंज ग्राम नावाडीह में विगत 6 माह से मानसिक विक्षिप्त वृद्ध रह रहा था जिसका नौतपा के दौरान तबीयत बिगड़ गई। वह यात्री प्रतीक्षालय में ही जीवन एवं मौत के बीच जूझ रहा था। इस बीच समाजसेवी संतोष यादव ने मानवता का परिचय देते हुए वृद्ध का बाल दाढ़ी बनवाकर नए कपड़े पहनकर जिला अस्पताल इलाज के लिए अपने निजी वाहन से ले गया यहां से उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया जिसे लेकर संतोष यादव अंबिकापुर गए।

जानकारी के अनुसार भटक कर मानसिक विक्षिप्त वृद्ध नवाडीह पहुंच गया था जो ग्रामवासियों की कृपा से भोजन प्राप्त कर रह रहा था। नौतपा में तबीयत उसकी बिगड़ गया एवं वह बीमार स्थिति में यात्री प्रतीक्षालय में रहने लगा स्थिति ऐसी हो गई कि कई दिनों से वह खाना पीना छोड़ दिया जीवन एवं मौत के बीच कई दिनों से जूझ रहा था इसकी जानकारी समाजसेवी संतोष यादव को लगी तो तत्काल अपने साथियों के साथ पहुंचकर वृद्ध के बाल दाढ़ी खुद बनाकर नहलाकर कपड़े, चप्पल पहनाया एवं अपने निजी वाहन से जिला चिकित्सालय बलरामपुर ले जाया गया जहां उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया यहां से उसे समाजसेवी संतोष यादव लेकर गए।

नहीं समझ पा रहा था कोई भाषा
मानसिक विक्षिप्त वृद्ध की भाषा गांव में कोई नहीं समझ पा रहा था गंभीर स्थिति में बीमार वृद्ध के करुण पुकार संतोष ने सुनी। उसे नया जीवन देने का काम किया जिसकी पूरे ग्रामवासियों ने प्रशंसा की।

बदबू के कारण नहीं जा रहा था कोई नजदीक
कई दिनों से मानसिक विक्षिप्त वृद्ध यात्री प्रतीक्षालय में पड़ा हुआ था कई लोग देखने गए परंतु कोई नजदीक नहीं जा रहा था। लंबे समय तक नहीं नहाने के कारण एवं गंदगी के कारण बदबू इतना अधिक आ रहा था कि कोई उसे अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं कर रहा था।