अपना पाउडर प्लांट लगाएगा भोपाल दुग्ध संघ

भोपाल । भोपाल दुग्ध संघ अब अपना ही पाउडर प्लांट स्थापित करेगा। इसकी लागत 60 करोड़ रुपए होगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एमपी कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ)…

अपना पाउडर प्लांट लगाएगा भोपाल दुग्ध संघ

भोपाल । भोपाल दुग्ध संघ अब अपना ही पाउडर प्लांट स्थापित करेगा। इसकी लागत 60 करोड़ रुपए होगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एमपी कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अभी दुग्ध संघ द्वारा साल भर में 1500 मीट्रिक टन पाउडर और 1700 मीट्रिक टन बटर बनवाया जाता है। हबीबगंज स्थित भोपाल दुग्ध संघ के प्लांट कैंपस में ही यह नया प्लांट लगवाया जाएगा। अभी भोपाल से टैंकरों में दूध भरकर ग्वालियर, इंदौर और अन्य निजी प्लांट्स में भेजकर पाउडर और बटर बनवाया जाता है।
खुद के प्लांट में पाउडर, बटर बनाने की जरूरत इसलिए: भोपाल दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपीएस तिवारी ने बताया कि किसानों को दूध के ज्यादा दाम देने के लिए उनसे ज्यादा दूध खरीदा जाता है। डिमांड के अनुसार सप्लाई के बाद जितना दूध बचता है उसे पाउडर और बटर के रूप में भंडारित किया जाता है।
गर्मी के मौसम में जब डिमांड बढ़ती है उत्पादन कम हो जाता है 20 फीसदी दूध में पाउडर और बटर मिलाकर दूध बनाया जाता है। दूध संघ का स्वयं का प्लांट हो जाएगा तो द ग्वालियर इंदौर और अन्य शहरों के दो बार का ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बचेगा। इस पूरी प्रक्रिया की तुलना में 50त्न की बचत होगी। किसानों को अभी तक का सबसे ज्यादा 780 प्रति किलो फैट रेट दिया जा रहा है। यह पाउडर बिलकुल नुकसानदायक नहीं: सीईओ के मुताबिक दूध में 6 फीसदी फैट और 8.5 फीसदी एसएनएफ (सॉलिड नोट फैट) होता है। इसी 8.5 फीसदी एसएनएफ से स्किम्ड मिल्क पाउडर बनता है।
तिवारी ने बताया कि भोपाल दुग्ध संघ में रोजाना का दुग्ध संग्रहण यानी कलेक्शन अधिकतम 5.50 लाख लीटर पहुंच गया है। आठ साल में यह सबसे ज्यादा है। इसमें से 3.25लाख लीटर दूध सप्लाई किया जा रहा है बाकी का पाउडर और बटर बनवाया जा रहा है।