हिरोशिमा की तरह गाजा में भी परमाणु बम गिरा दो, अमेरिकी सांसद के बयान पर बवाल…

इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए पूरी दुनिया के देश प्रयास कर रहे हैं। इस समय भी काहिरा में दोनों के बीच बातचीत करवाई…

हिरोशिमा की तरह गाजा में भी परमाणु बम गिरा दो, अमेरिकी सांसद के बयान पर बवाल…

इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए पूरी दुनिया के देश प्रयास कर रहे हैं।

इस समय भी काहिरा में दोनों के बीच बातचीत करवाई जा रही है। इसी बीच अमेरिका रिपब्लिकन सांसद टिम वालबर्ग ने विवादित बयान दिया है।

उनका कहना है कि इजरायल और हमास युद्ध का एक ही हल है कि गाजा में परमाणु बम गिरा दिया जाए जिस तरह हिरोशिमा में गिराया गया था।

उन्होंने कहा कि इस युद्ध को खत्म करने के लिए हिरोशिमा और नागासाकी की तरह का काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गाजा में तत्काल मानवीय सहायता रोक देनी चाहिए और वहां पैसे बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। 

टिम वालबर्ग का यह बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। एक डेमोक्रेटिक कार्यकर्ता ने इस वीडियो को ट्वीट करते हा कहा कि यह बेहद डरावना और चौंकाने वाला बयान है।

उन्होंने कहा कि गाजा में फिलिस्तीनी नरसंहार का सामना कर रहे हैं और इस बीच यह अतिवादी बयान चौंकाने वाला है। बता दें कि वालबर्ग आठवीं बार मिशिगन से सांसद बने हैं।

वहीं इस बयान पर बवाल होने बाद वालबर्ग के कार्यालय की तरफ से कहा गया कि इस तरह की बात उन्होंने सिर्फ उदाहरण देने केलिए कही थी। 

वालबर्क के प्रवक्ता माइक रोर्के ने कहा कि एक सभा के दौरान वह बता रहे थे कि किस तरह से हमास को तत्काल खत्म किया जा सकता है।

एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा था कि गाजा में बम गिरा देने के अलावा इसका कोई रा्ता नहीं है। बतादें कि अब तक इतिहास में दो बार भी परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया है।

अमेरिका ने 1945 में युद्ध के दौरान जापान के दो घनी आबादी वाले शहरों हिरोशिमा और नागासाकी में बम गिराए थे। 6 अगस्त को हिरोशिमा में और 9 अगस्त को नागासाकी में बम गिराए गए थे। 

दोनों ही शहरों में परमाणु बम गिरने के बाद भारी तबाही हुई थी। बताया जाता है कि इसमें करीब तीन लाख लोगों की जान चली गई थी। वहीं इसका परिणाम लंबे समय तक नजर आता रहा।

बता दें कि गाजा में भी हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को 6 महीने से ज्यादा का समय हो  चला है। इस युद्ध का अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है।

वहीं बंधकों को अब तक ना छुड़ा पाने की वजह से आक्रोशित जनता बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ भी सड़कों पर उतर चुक है।