भीड़ के सामने फूट-फूटकर रोने लगे ऐक्टर रितेश देशमुख, विधायक भाई को दे दी ‘नसीहत’…

बॉलिवुड अभिनेता रितेश देशमुख एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। वह महाराष्ट्र के लातूर में उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के लिए आयोजित किए…

भीड़ के सामने फूट-फूटकर रोने लगे ऐक्टर रितेश देशमुख, विधायक भाई को दे दी ‘नसीहत’…

बॉलिवुड अभिनेता रितेश देशमुख एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। वह महाराष्ट्र के लातूर में उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के लिए आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में पहुंचे थे।

यहां उनके स्वर्गीय पिता की मूर्ति का अनावरण किया जाना था। जब वह भाषण देने लगे तो पिता का जिक्र करते हुए भावुक हो गए।

इसके बाद वह फूट-फूटकर रोने लगे। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। 

रितेश देशमुख ने इंडिया टुडे से बताया, साहेब को गुजरे 12 साल हो गए और उसके बाद एक-एक दिन बहुत कठिन गुजरा है। उनकी चमक हमेशा बरकरार रहती थी और आज भी बरकरार है।

यह कभी धुंधली नहीं होने वाली है। वह हमेशा मजबूती से खड़े रहते थे और इसीलिए हम बच्चों को उनकी जरूरत महसूस होती रहती है। हमारी भी उनके प्रति कुछ जिम्मेदारियां थीं। आज वह भले ही हमारे साथ नहीं हैं लेकन उनका प्यार और उनकी यादें हर पल हमारे साथ रहती हैं। 

रितेश देशमुख ने अपने चाचा दिलीप देशमुख को धन्यवाद दिया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा, मैंने कभी अपने चाचा से यह बात नहीं कही लेकिन आज मैं इतने लोगों के सामने कहना चाहता हूं कि हम उन्हें बहुत प्यार करते हैं।

उन्होंने कहा, यह मंच बताता है कि उनका चाचा के साथ कितना अच्छा रिश्ता है। वहीं देशमुख के भाई और कांग्रेस विधायक अमित देशमुख के पार्टी छोड़ने की भी चर्चा चल रही थी।

कयास थे कि वह भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। रितेश देशमुख ने कहा, अब उनके लिए फैसला करने का समय आ गया है। लातूर को आपसे बहुत सारी उम्मीदें हैं। महाराष्ट्र को भी आपसे आशाएं हैं। 

बता दें कि अशोक चव्हाण, बाबा सिद्दीकी (अजित पवार के साथ) और मिलिंद देवड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद अमित देशमुख को लेकर भी कयास लगाए जा रहे थे।

बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान भी बांद्रा ईस्ट से विधायक हैं और बताया जा रहा है कि वह भी पिता के बाद एनसीपी में जा सकते हैं। 

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का जन्म 26 मई 1945 को लातूर में हुआ था। वह दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे। 14 अगस्त 2012 को उनका निधन हो गया था।