कनाडा में घर के सपने पर फिर लगा ग्रहण, विदेशियों के लिए ट्रूडो सरकार का नया ऐलान; दो साल बढ़ा दिया बैन…

कनाडा में घर लेने का सपना देख रहे विदेशियों के लिए यह आसान नहीं होगा। ट्रूडो सरकार के नए ऐलान ने इसके रास्ते में अड़चनें खड़ी कर दी हैं। कनाडा…

कनाडा में घर के सपने पर फिर लगा ग्रहण, विदेशियों के लिए ट्रूडो सरकार का नया ऐलान; दो साल बढ़ा दिया बैन…

कनाडा में घर लेने का सपना देख रहे विदेशियों के लिए यह आसान नहीं होगा।

ट्रूडो सरकार के नए ऐलान ने इसके रास्ते में अड़चनें खड़ी कर दी हैं। कनाडा ने रविवार को कनाडाई आवास के विदेशी स्वामित्व पर प्रतिबंध दो साल के लिए बढ़ा दिया।

सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य कनाडा के लोगों की चिंताओं को दूर करना है। यहां के नागरिक लगातार बढ़ती कीमतों के चलते घर बना पाने में सक्षम नहीं है।

गौरतलब है ट्रूडो सरकार ने साल 2023 में ही देश में विदेशियों के प्रॉपर्टी खरीदने पर बैन लगाया था। उस वक्त कहना था कि विदेशियों के कनाडा में लगातार निवेश से कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इसके चलते कनाडा के लोग प्रॉपर्टी नहीं खरीद पा रहे हैं।

घरों की समस्या
कनाडा में घरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके लिए प्रवासियों की बढ़ती संख्या और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके चलते घरों की मांग में इजाफा हुआ है, जबकि बढ़ती महंगाई के चलते कंस्ट्रक्शन का काम धीमा पड़ चुका है।

कनाडाई उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने एक बयान में कहाकि कनाडा के लोगों के लिए सस्ते घर उपलब्ध कराने के लिए सभी कवायदें की जा रही हैं।

इसी के तहत विदशियों के यहां घर खरीदने संबंधी प्रतिबंध को दो साल बढ़ाया गया है। पहले यह एक जनवरी 2025 को खत्म हो रहा था, अब इसकी समय सीमा 1 जनवरी 2027 होगी।

दबाव में ट्रूडो
कनाडा की सरकार का यह भी कहना है कि विदेशियों के बढ़ते दखल के चलते कनाडा के शहरों और कस्बों में घरों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। पिछले महीने कनाडा ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को परमिट देने पर भी दो साल की रोक लगाई थी।

साथ ही उसने यह भी कहा था कि वह ग्रेजुएशन के बाद कुछ छात्रों को वर्क परमिट देना भी बंद करेगा। असल में कनाडा में तेजी से बढ़ती जनसंख्या ने स्वास्थ्य और शिक्षा पर काफी दबाव बना दिया है।

इसके अलावा घरों की कीमतें भी काफी तेजी से बढ़ी हैं। इन मुद्दों ने लिबरल जस्टिन ट्रूडो पर दबाव बनाया है। ओपिनियन पोल्स में दिखाया जा रहा है कि अगर अभी चुनाव हुए तो ट्रूडो को सत्ता गंवानी पड़ सकती है।